Home मधेपुरा निजी शिक्षकों में आर्थिक संकट पैदा होने के कारण मधेपुरा में शिक्षाविदों के द्वारा सरकार को जगाने के प्रयास में लगातार कर रहें है बैठक।

निजी शिक्षकों में आर्थिक संकट पैदा होने के कारण मधेपुरा में शिक्षाविदों के द्वारा सरकार को जगाने के प्रयास में लगातार कर रहें है बैठक।

1 second read
Comments Off on निजी शिक्षकों में आर्थिक संकट पैदा होने के कारण मधेपुरा में शिक्षाविदों के द्वारा सरकार को जगाने के प्रयास में लगातार कर रहें है बैठक।
0
751

निजी शिक्षकों में आर्थिक संकट पैदा होने के कारण मधेपुरा में शिक्षाविदों के द्वारा सरकार को जगाने के प्रयास में लगातार कर रहें है बैठक।

मधेपुरा से सविता नंदन कुमार की रिपोर्ट

 

 

रविवार को कॉलेज चौक पर एक निजी कोचिंग संस्थान में मधेपुरा प्राइवेट कोचिंग एसोसिएशन की बैठक की गई । बैठक की अध्यक्षता करते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष रिंकू कुमार ने कहा की या तो क्लास खोली जाय अथवा सभी निजी शिक्षकों को आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाय |
बैठक में अपने बातों को रखते हुए प्रवक्ता परवेश ओबेरॉय ने कहा की हम संवैधानिक रूप से लड़ाई लड़ेंगे और शिक्षा में सुधार लाने का हर संभव प्रयास करेंगे, उन्होंने कहा की अगर हम अपने आन पर आ जाए तो कुर्सी तक को हिला सकते हैं,
गुंजन सर ने कहा की आज सभी सेक्टर खुली हुई है चाहे वह, मॉल हो, या कोई भी दुकान यहाँ तक की बच्चों को फॉर्म भी भरवाया जा रहा है जबकि शैक्षणिक गतिविधि बंद है, सरकार को सिर्फ उसी काम में रूचि है जिससे कमाई हो |
मुकेश रावत ने कहा की ऐसा लगता है जैसे शिक्षकों का कोई सम्मान नहीं नहीं है, सरकार सिर्फ कागजी काम कर रही है |
रजनीश सर ने कहा की यदि क्लास बंद है तो शिक्षा से सम्बंधित सभी कार्य बंद होना चाहिए |
मुकेश सर ने कहा की हम सबको एकसाथ आगे बढ़ना होगा तभी कुछ हो सकता है | राकेश सर ने अपनी बातों को रखते हुए कहा की एक सुदृढ़ मांग पत्र बना कर जिलाधिकारी महोदय से मिलना चाहिए |
वहीं विवेकानंद विवेक सर ने कहा कि सिर्फ एडुकेशन सेक्टर ही बन्द क्यों?सारा सेक्टर खुल चुका है जबकि बाजार में भीड़ को देखते हुए कही नही लगता कि सोशल डिस्टेंस का पालन हो रहा,क्या शिक्षा जगत से ही सिर्फ कोरोना फैल सकता है।इसीलिए सरकार प्रोटोकॉल को मद्देनजर नजर रखते हुए सभी प्राइवेट शिक्षण संस्थानों को खोलने की आदेश दी जाए।
मौके उपस्थित अमित गौतम सर ने कहा की बाजार में इतनी भीड़ है तो वहाँ कोरोना का डर नहीं है क्या? उन्होंने कहा की हमें सोशल मीडिया से भी आंदोलन शुरू करना चाहिए |
बैठक को सम्बोधित करते हुए दिलीप सर ने कहा की अगर सरकार हमारी बातों को नहीं सुनती है तो हम आवाज़ इतनी बुलंद करेंगे की सरकार को सुनना पड़ेगा | उन्होंने कहा की एक तरफ सरकार कहती है कोरोना से डरें नहीं मास्क लगाकर काम पर जाएं और दूसरी तरफ आप काम करने से रोक रहे हैं | सुशील सर ने कहा की सिलेबस छोटा करने की बात की जा रही है लेकिन क्या यह समाधान है? अगर सिलेबस छोटा होता है तो बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जायेगा | उन्होंने कहा की या तो क्लास खोली जाय या एक साल सबकुछ रोक दिया जाय | वहां उपस्थित तमाम शिक्षकों ने उग्र आंदोलन की बात कही | मौके पर मौजूद मधेपूरा के तमाम शिक्षाविद अरविंद कुमार दास, विवेकानंद विवेक, दिलीप कुमार, अमित गौतम, राकेश कुमार, पुरूषोत्तम कुमार, आर.के .रजनेश, प्रदीप कुमार यादव, शुशील सुमन, आशीष कुमार सत्यार्थी, रंजन कुमार, बलवंत कुमार, मुकेश कुमार, त्रिभुवन कुमार,दिलीप कुमार, बीरेंद्र कुमार विवेक,लालू कुमार, मनीष कुमार, शत्रुघ्न सिन्हा, गुंजन कुमार, प्रवेश यादव, शंकर कुमार, सिंकू यादव, आदि मौजूद थे।

Load More Related Articles
Load More By Seemanchal Live
Load More In मधेपुरा
Comments are closed.

Check Also

किशनगंज: महिला कांस्टेबल का सिपाही पर गंदा आरोप, कहा- शादी का झांसा देकर करता था शारीरिक शोषण

महिला कांस्टेबल का सिपाही पर गंदा आरोप, कहा- शादी का झांसा देकर करता था शारीरिक शोषण किशनग…