अररिया/फारबिसगंज – केंद्र सरकार के आदेश में जारी देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा परेशानी महानगरों में फंसे मजदूरों को उठानी पड़ रही है।
लॉकडाउन में दैनिक काम करने वाला मजदुर शहर में काम नही मिलने के कारण घर का रुख कर रहे हैं गाड़िया बंद होने के कारण वे किसी तरह अपने घर पहुंचकर परिजनों के साथ रहना चाहते है,पटना के खगोल मार्केट से 23 अप्रैल को पैदल ही चलकर अपने घर अररिया के पलासी के लिए रवाना होकर सोमवार को फारबिसगंज पहुंचे आधा दर्जन मजदूर। फारबिसगंज पहुंचते ही मझुआ पंचायत कोरोना जांच टीम के पर्यवेक्षक शुभम कुमार की नजर इन मजदूरों पर पड़ी तो उन्होंने इसकी सूचना कंट्रोल रूम एवं फारबिसगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ.राजीव बसाक को दी। जानकारी मिलते ही ईएमटी कर्मी तपेश कुमार मौके पर पहुंच कर सभी मजदूरों को जांच के लिए अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचाया। यहां जांच के बाद सभी मजदूरों को छोड़ दिया गया।सभी लोग पटना के खगोल में मकान बनाने के दौरान सेंटरिग एवं वेल्डिग का कार्य करते हैं। आवागमन बाधित होने के कारण सभी साथी 23 अप्रैल को पटना से पैदल ही घर के लिए निकल पड़े। पटना अस्पताल में उनकी जांच की गई थी। कहा की लगभग 400 किलोमीटर की दूरी पांच दिनों में वे सभी साथी पूरा कर फारबिसगंज पहुंचे है। यहां से फिर पलासी के लिए रवाना हो रहे है। कहा कि कोरोना के कारण महामारी से सभी को घर परिवार की चिनता सता रही थी इसलिए हमलोग पैदल ही घर के लिए चल दिए।संवाददाता -विनय ठाकुर