चीनी रैपिड टेस्टिंग किट द्वारा कोविद-19 के जांच के परिणाम सही न आने पर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने सभी राज्य में चीनी रैपिड टेस्टिंग किट के द्वारा की जाने वाली जांच पर रोक लगा दी है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद में महामारी एवं संक्रामक रोग के प्रधान श्री रमन गंगाखेड़कर ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा, “हमे एक राज्य से शिकायत मिली की रैपिड टेस्टिंग किट के परिणाम गलत आ रहे है तो हमने फिर तीन और राज्य से बात की और फिर हमे पता लगा की रैपिड टेस्टिंग किट के द्वारा की जाने वाली जांच के परिणाम में काफी कम की शुद्धता है, कही 6 प्रतिशत शुद्धता तो कहीं 71 प्रतिशत शुद्धता है।”
रमन गंगाखेड़कर आगे जोड़ते हुए कहा, “भले ही ये जांच की पहली पीढ़ी है लेकिन ऐसे परिणाम आना काफी चिंताजनक है, हम इसकी पूर्ण रूप से जांच करेंगे।”
उन्होंने कहा, जबतक हमारे 8 विशेषज्ञ टीमों की रिपोर्ट नहीं आ जाती तब तक हमने सभी राज्यों से रैपिड टेस्टिंग किट द्वारा जांच पर रोक लगा दी है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने ये भी कहा, अगर जांच के परिणाम में अशुद्धि आने का क्रम नहीं थमता है तो फिर वो इस मुद्दे को रैपिड टेस्टिंग किट बनाने वाली कंपनी के सामने भी उठाएगी। इससे पहले राजस्थान की गेहलोत सरकार ने पहले ही चीनी टेस्टिंग किट के द्वारा की जाने वाली जांच पर रोक लगा दी है।
भारत ने चीन से मंगाए 5 लाख एंटीबाडी टेस्टिंग किट पहले ही उन सभी राज्यों को भेज दिए है जहाँ संक्रमण ज्यादा है। रैपिड टेस्टिंग किट का उद्देश्य जल्द से जल्द मरीज़ के खून के नमूने की जांच करके ये पता लगाना है की वो कोरोना वायरस से ग्रसित है या नहीं। ये किट फिलहाल कोविद-19 की जांच में किए जाने वाली आणविक तकनीक से बिलकुल अलग है।