कोरोना लॉकडाउन: सोशल डिस्टेंसिंग के साथ गेहूं और रबी फसलों की खरीद शुरू, बंपर उपज पर बिहार में ओलावृष्टि
देश में 3 मई तक लागू कोरोना लॉकडाउन के बीच सोशल डिस्टेंसिंग की शर्तों के साथ पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में गेहूं
की खरीद शुरू हो गई है। अलग- अलग राज्यों की सरकार ने खरीद के लिए कोरोना के मद्देनजर नियम बनाए हैं जिससे भीड़ ना लगे और कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा कम हो।
पंजाब में सिर्फ वही किसान अनाज बेचने मंडी जा सकते हैं जिन्हें एपीएमसी के जरिए पंजाब मंडी बोर्ड ने फसल लेकर आने का विधिवत न्योता दिया हो। वहीं बिहार, यूपी और एमपी के कई इलाकों में बुधवार को बारिश और ओलावृष्टि से पके-पकाए रबी फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है जिनकी कटाई लॉकडाउन के कारण किसान नहीं कर सके थे।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पिछले सप्ताह ही कह दिया था कि कोरोना को लेकर सारे एहितायत बरतते हुए 15 अप्रैल से रबी की खरीद शुरू होगी। रबी वो फसलें हैं जो ठंड के मौसम में बोई और गर्मी में काटी जाती हैं। भारत में इस साल सामान्य से ज्यादा नमी वाले जाड़ा के कारण रबी फसलों की पैदावार 7 परसेंट ज्यादा होने का अनुमान है जो पिछले एक दशक में सबसे ज्यादा होगी। किसानों ने भी 15 से 20 परसेंट ज्यादा खेत में फसल लगाए हैं। केंद्र सरकार ने रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4.5 परसेंट से 7.5 परसेंट तक बढ़ाने का ऐलान कर रखा है।
पंजाब सरकार के खाद्य और आपूर्ति मंत्री भरत भूषण अशु ने बताया कि अनाज खरीद के पहले दिन पूरे राज्य में 3119 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई है। पंजाब में अलग-अलग सरकारी एजेंसियों के 1867 खरीद केंद्र और 1824 मंडी यार्ड किसानों से अनाज खरीद रही है। अशु ने कहा है कि किसानों को 48 घंटे बाद फसल का भुगतान किया जाएगा। पंजाब में 35 लाख हेक्टेयर से ज्यादा खेत में गेहूं लगा है और 185 लाख मीट्रिक टन गेहूं पैदावार का अनुमान है जिसका दाम तकरीबन 26 हजार करोड़ के आस-पास बनता है।
हरियाणा में 25 लाख हेक्टेयर खेत से 125 लाख मीट्रिक टन गेहूं की उपज होने की संभावना है। हरियाणा में 140 खरीद केंद्रों पर 14 अप्रैल से सरसों की खरीद शुरू हो गई है। 20 अप्रैल से 2000 खरीद केंद्रों पर गेहूं की खरीद शुरू हो रही है। हरियाणा के सीएम मनोहरलाल खट्टर ने कहा है कि पिछले साल तक रबी फसलों की खरीद का जो काम 25 दिन में खत्म हो जाता था, इस बार दो महीने 20 जून तक चलेगा। हरियाणा में किसान सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक और फिर दोपहर 2.30 बजे से शाम 6 बजे तक खरीद केंद्र पर अनाज बेच सकेंगे. राज्य में हर तीन गांव पर एक खरीद केंद्र खोलने का दावा सरकार ने किया है।
उत्तर प्रदेश में 100 लाख मीट्रिक टन गेहूं पैदावार की संभावना है और राज्य में गेहूं की 34 परसेंट फसल काटी भी जा चुकी है। मध्य प्रदेश में 60 लाख मीट्रिक टन गेहूं की उपज का अनुमान है। एमपी में कोरोना हॉटस्पॉट इंदौर, उज्जैन और भोपाल को छोड़कर बाकी जगहों पर 1241 मंडियों के जरिए 14 अप्रैल से गेहूं, दलहन और सरसों जैसी रबी फसलों की खरीद शुरू हो चुकी है। राज्य सरकार किसानों को एक समय आवंटित करेगी और एक समय पर मंडी में दस से ज्यादा किसान नहीं बुलाए जाएंगे।
फसलों की खरीद में अब ज्यादातर राज्यों में बस दो समस्या आ रही है. एक तो मजदूर नहीं हैं और दूसरा जूट के बोरे पर्याप्त संख्या में नहीं हैं। हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि फसल खरीद के लिए उनकी सरकार मनरेगा के तहत मजदूरों को काम देने की योजना बना रही है। पंजाब और यूपी भी प्रवासी मजदूरों को फसल खरीद में लगाने की सोच रहे हैं। फसलों के लिए बोरे की कमी है लेकिन उसका रास्ता नहीं निकलता दिख रहा है क्योंकि ज्यादातर जूट मिल बंगाल में हैं और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कोरोना लॉकडाउन के मद्देनजर मिल को चालू करने की इजाजत देने से मना कर दिया है।
Source – Hindustan