भारतीय क्षेत्र में आसमान छू रहे प्याज के भाव से मिली राहत
●अररिया-भारतीय क्षेत्र में आसमान छू रहे प्याज के भाव से राहत अभी मिली है। लेकिन यहां कृत्रिम किल्लत उत्पन्न करने की कोशिश में भारत नेपाल सीमा क्षेत्र के तस्कर जुट गए हैं। फिलवक्त प्याज थोक भाव में भारतीय क्षेत्र में चालीस रुपया किलो मिल रहा है। जबकि नेपाल में इसकी कीमत खुले भाव में तीगुनी है। प्याज की अत्यधिक मुनाफे को देख विभिन्न सामग्री की तस्करी में जुटे तस्कर अब प्याज की तस्करी में दिमाग खपा रहे हैं। अभी हाल ही में भारतीय मंडी में प्याज एक सौ रुपये से एक सौ 20 रुपये किलो तक बिकी है। नरपतगंज प्रखंड के भारत नेपाल सीमा से सटे भारतीय क्षेत्र के कोशिकापुर, मानिकपुर, जिमराही, नवाबगंज, घूरना, बबुआन, बसमतिया, बेला आदि गांव से बड़े पैमाने पर प्याज की तस्करी हो रही है। मिनी ट्रक एवं ट्रैक्टर ट्रेलर पर लादकर इन दिनों प्रतिदिन हजारों क्विटल प्याज तस्करी के माध्यम से नेपाल भेजा जा रहा है। सीमा क्षेत्र में तैनात कुदेक पुलिस एवं एसएसबी कर्मी भी ऐसे वाहनों को नहीं पकड़ रहे हैं इसके पीछे कुछ पुलिस व एसएसबी कर्मी के माइनेज की चर्चा है। बताया जा रहा है की प्याज की तस्करी में कुछ पूर्व जनप्रतिनिधि एवं बड़े व्यवसायी भी जुटे हैं शायद यही कारण माइनेज का राह आसान हुआ है। बड़ी मशक्कत के बाद भारत सरकार ने आम लोगों के घर किस सब्जी में प्याज को शामिल किया है। अब गरीबों के घर भी प्याज की चटनी बन रही है कितु जिस हिसाब से तस्करी के माध्यम से प्याज नेपाल जा रही है उससे निकट भविष्य मैं भारतीय सीमा क्षेत्र में प्याज एक बार फिर आवाम को रुला सकती है। इस पर सख्ती से रोक लगाने की जरूरत प्रबुद्धजन बता रहे हैं। इस संबंध में बथनाहा 56 वीं बटालियन एसएसबी सेनानायक मुकेश कुमार त्यागी ने बताया कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है यदि ऐसा है तो इसकी जांच होगी और तस्करों से मिले कुछ एसएसबी कर्मी पर कार्रवाई होगी।
REPORTER – विनय ठाकुर