लोगों को ग्रिड के लिए और करना होगा इंतजार
एक साल बाद भी ठाकुरगंज में पावर ग्रिड का निर्माण अब तक अधर में लटका है। इसकी वजह जमीन का चयन नहीं हो पाना बताया जा रहा है। यहां ग्रिड निर्माण के लिए 25 एकड़ जमीन की जरुरत है। इसको लेकर विभागीय अधिकारी द्वारा काफी जद्दोजहद के बाद ठाकुरगंज में तीन जगहों पर जमीन चिन्हित कर मुख्यालय को भेजा गया। लेकिन अब तक मुख्यालय से हरी झंडी नहीं मिल सकी है।
जिस कारण ग्रिड निर्माण की दिशा में कदम नहीं बढ़ सका है। जबकि हैरत की बात है कि ग्रिड निर्माण के लिए टेंडर भी छह माह पूर्व ही हो चुका है। निर्माण कार्य का टेंडर गोदरेज कंपनी को मिला है। लेकिन जमीन के इंतजार में कंपनी के अधिकारी भी बैठे हैं। ऐसे में ठाकुरगंज वासियों को ग्रिड के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। बताते चलें कि करीब तीन-चार माह पूर्व ही जिलाधिकारी हिमांशु शर्मा के निर्देश पर सीओ व बिजली कंपनी के अधिकारी द्वारा जमीन की खोज की गई। विभागीय सूत्रों की मानें तो ठाकुरगंज में तीन जगहों पर जमीन चिन्हित कर पटना स्वीकृति के लिए भेजा भी गया। इनमें एक जमीन की कीमत करीब 12 करोड़, दूसरे की 30 करोड़ व तीसरे की करीब 52 करोड़ कीमत जमीन मालिकों द्वारा लगाई गई। लेकिन इस पर अब तक मुख्यालय की मुहर नहीं लग पाई है। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद ही चिन्हित जमीन पर पावर ग्रिड निर्माण के लिए कवायद शुरु होगी। विभागीय अधिकारियों की मानें तो इस पावर ग्रिड निर्माण में करीब 2 सौ करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। ठाकुरगंज में बड़े पैमाने पर चाय की खेती होती है। इसके अलावा वहां छोटे-छोटे कई उद्योग धंधे भी हैं। जिस कारण वहां बिजली की पर्याप्त जरुरत है। अभी मांग के अनुरुप चाय की फैक्ट्री को बिजली नहीं मिल पाती है। साथ ही गर्मी व बरसात के दिनों में अक्सर फॉल्ट होते रहता है। जिससे बिजली ट्रिप कर जाता है। कई बार ठाकुरगंज के चाय फैक्ट्री के मालिकों ने इसके लिए बिजली मंत्री, जनप्रतिनिधि व विभागीय अधिकारी से गुहार लगाई थी।
HINDUSTAAN